अख़बार और चाय

Pramod Sharma
3 min readFeb 4, 2024

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Photo source: ipdefenseforum.com

सुबह के ७२० हो रहें की साइकिल की घंटी — ‘ट्रिंग ट्रिंग’ और दरवाजे पर एक ‘थप’ की आवाज़। बस, समझ जातें हैं की अख़बार आ चूका है। आपके दादाजी, पिताजी मुख्य रूप से यह सोचते की कब अख़बार का आगमन हो। उफ़,यदि आने में थोड़ा भी विलम्भ होता तो वह समय कोई विश्व युद्ध से काम न होता। क्या पता की बेचारे साइकिल की टायर पंक्चर हो गयी हो या फिर बारिश, तकनिकी खराबी या किसी त्यौहार के कारण प्रकाशित ही न हुआ हो। हैरान कर देनी वाली बात तो यह की कोई सहानुभूति नहीं उस अख़बार वाले के लिए। खैर, अख़बार आ गया जो बैंक में चेक क्लियर होने से काम नहीं था।

क्या आप जानते हैं की भारत / एशिया की पहली साप्ताहिकी अंग्रेजी अख़बार का नाम था ‘बंगाल गैज़ेट’ जो २९ जनवरी सन १७८० को प्रकाशित किया गया?

“Bengal Gazette”- India’s first weekly English Newspaper

वह समय ही कुछ और था जब समाज के हर वर्ग में अखबार ख़ास महत्त्व रखता , यहां तक की लोग अपने बैग में अख़बार लेकर चलते और कुछ तोह इतने मग्न रहते की समय का कोई हिसाब न होता। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सब भरपूर पसंद करते अख़बार पढ़ना — कोई नयी पिक्चर लगी हो, या टीवी पर क्रिकेट मैच, कार्टून , नया जादूगर का शो, कहीं कोई हादसा हो गया या फिर कोई राजनितिक पार्टी चुनाव हार गयी , कहानियों का नया अध्याय -एक अख़बार ही था जो एक दूत से कम नहीं था।

जैसे समय बदला और तकनीकीकरण होता गया, अख़बार का वह रुतबा कुछ काम सा होता गया। जहां मात्र २-५ रूपए में आप देश-विदेशका भ्रमण कर आते, आज वही भ्रमण आपको स्मार्टफोन करवाता है, जिसके लिए आप १०,०००-२ लाख रूपए तक का एकमुश्त निवेश करते हैं। मुझे आज भी याद जब हमारे घर पर ‘THE HINDU’ आया करता था और यह सिलसिला बहुत साल चला। मैं तो बहुत उत्सुक रहता बुधवार और रविवार के संस्करण (YOUNG WORLD, METRO PLUS) के लिए, जिसमे बिंदियों को जोड़कर एक चित्र को पूर्ण करना होता है और इसके साथ शिक्षाप्रद समाचार छापे जाते। जब भी कोई हवाई जहाज का चित्र आता तो उसको काटकर अपनी स्क्रैपबुक में संभाल करके रख लेता।

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Newspaper dedicated to the lives of the street children :). Photo source: THE WIRE

चलिए, क्या आप कुछ भारत के प्रमुख अख़बारों के नाम बता सकतें हैं? आप में से बहुत लोग अवगत होंगे, पर जो नहीं जानते , यह उनके लिए:
- दैनिक भास्कर
- डेक्कन क्रॉनिकल (Deccan Chronicle)
- अमर उजाला
- इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express)
- दैनिक जागरण
- द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times Of India)
- द हिंदू (The Hindu)
- द टेलीग्राफ (The Telegraph)
- इकनोमिक टाइम्स (Economic Times)

आज तो परीक्षा पे चर्चा होती है, पर उन दिनों तो अख़बार और चाय पर ही चर्चा हुआ करती थी। मान लीजिये की अगर आपको १ महीना केवल अखबार के साथ बिताना हो तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?

आशा करता हूँ की आपको यह संस्करण पसंद आया हो।

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Pramod Sharma
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Written by Pramod Sharma

I am an artist (Instagram: jetz_paper) and a full time content writer from Hyderabad, India.

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